अमेरिका ने आखिरकार वह कदम उठा लिया जिसकी मांग इजरायल लंबे वक्त से करता आ रहा था. आज सुबह ईरान के भूमिगत परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बमों की बारिश की. अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फहान में मौजूद तीन प्रमुख परमाणु स्थलों को निशाना बनाते हुए GBU-57 बमों का इस्तेमाल किया. यह वही GBU-57 है जिसे दुनिया का सबसे खतरनाक गैर-परमाणु बम माना जाता है. इसे बंकर बस्टर बम भी कहा जाता है.
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस ऑपरेशन को पूरी तरह सफल बताया, लेकिन ईरानी अधिकारियों का दावा है कि फोर्डो को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा क्योंकि इसे हमले से पहले ही खाली कर दिया गया था. ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या वाकई ये हमले ईरान के परमाणु इरादों पर विराम लगा पाएंगे?
पिछले तीन सालों में बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल कई बार हो चुका है और हर बार इनका मकसद था दुश्मन के गहरे और सुरक्षित ठिकानों को खत्म करना.
सितंबर 2024, बेरूत:
इजरायली वायुसेना ने हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाना बनाते हुए बेरूत में 80 से अधिक GBU-72 और MK-84 बंकर बस्टर बम गिराए. इन बमों ने 30-60 फीट नीचे छिपे ठिकानों को भी तहस-नहस कर दिया. इस हमले में नसरल्लाह की मौत हुई.
मार्च-अप्रैल 2025, यमन:
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अमेरिका ने यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर B-2 बॉम्बर्स से GBU-57 बम गिराए. हालांकि, इस पर अब भी संदेह बना हुआ है और कई विशेषज्ञ मानते हैं कि इसमें AGM-158 मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल गाजा और लेबनान में इजरायल किया था, खास तौर से हमास और हिज़बुल्लाह की सुरंगों और ठिकानों को नष्ट करने के लिए. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में खान यूनिस क्षेत्र में 2023-2024 के दौरान इजरायल ने GBU-72 और अन्य बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया.
जून 2025, ईरान:
अबकी बार अमेरिका ने फोर्डो पर 12 और नतांज पर दो GBU-57 बम गिराए. ये हमले परमाणु कार्यक्रम पर सीधा हमला माने जा रहे हैं.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर बंकर बस्टर हमले की पुष्टि करते हुए ट्रुथ सोशल पर लिखा कि अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमला किया. ट्रंप ने दावा किया कि फोर्डो पर सभी बम गिराए जा चुके हैं और अमेरिका के योद्धाओं को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अब शांति का समय है. अमेरिकी हमलों में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स की भागीदारी की भी पुष्टि की गई है.
पिछले तीन वर्षों में बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल बढ़ा है, लेकिन GBU-57 जैसे बमों का प्रयोग अभी भी दुर्लभ और बेहद रणनीतिक है.वॉर एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान पर हुआ ताजा हमला बताता है कि अब कूटनीति से आगे निकलकर कार्रवाई का दौर शुरू हो चुका है. लेकिन अभी भी सवाल है कि क्या ईरान में परमाणु बम बनाने की दौड़ थमेगी, या खतरा और बढ़ेगा?