विदेश जाकर छुट्टियां बिताने का सपना कई लोग देखते हैं. इसके लिए सबसे अहम होता है वीजा मिलना, जिसके लिए एम्बेसी में इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. लेकिन अगर किसी की ईमानदारी ही उसके रास्ते की सबसे बड़ी रुकावट बन जाए. ऐसा ही एक मामला सामने आया है दिल्ली के युवक के साथ, जिसने अमेरिका घूमने के लिए टूरिस्ट वीजा के लिए अप्लाई किया था, लेकिन सिर्फ 40 सेकंड में उसका वीजा रिजेक्ट कर दिया गया. सोशल मीडिया पर ये वाकया वायरल हो रहा है.
युवक ने बताया कि उसने अमेरिका में दो हफ्तों की छुट्टियां प्लान की थीं, जिसमें वह डिज्नी वर्ल्ड, यूनिवर्सल स्टूडियोज, कैनेडी स्पेस सेंटर और बीच जैसी जगहों पर जाना चाहता था. वह बी1/बी2 टूरिस्ट वीजा के लिए नई दिल्ली स्थित अमेरिकी एम्बेसी पहुंचा था.
इंटरव्यू की शुरूआत हुई. उससे पहला सवाल पूछा गया कि आप अमेरिका क्यों जाना चाहते हैं. क्या आपके अमेरिका में कोई दोस्त या रिश्तेदार हैं.युवक ने बताया कि वह घूमने जाना चाहता है, अभी तक उसने भारत के बाहर यात्रा नहीं की है और अमेरिका में उसकी गर्लफ्रेंड रहती है जिससे मिलने की भी प्लानिंग है.
गर्लफ्रेंड की बात सुनते ही मिला रिजेक्शन
युवक के मुताबिक, जैसे ही उसने गर्लफ्रेंड का जिक्र किया, वीजा अधिकारी ने बिना कोई और सवाल किए उसे 214(b) का रिजेक्शन स्लिप थमा दिया. युवक का कहना है कि उसने हर सवाल का ईमानदारी से जवाब दिया, लेकिन इसके बावजूद उसका वीजा रिजेक्ट कर दिया गया.
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क्या है वीजा सेक्शन 214(b)?
अमेरिकी वीजा कानून के सेक्शन 214(b) के तहत, अगर अधिकारी को लगता है कि आवेदक अमेरिका से वापस नहीं लौटेगा या उसके पास अपने देश में पर्याप्त पारिवारिक, सामाजिक या आर्थिक जुड़ाव नहीं है, तो वह वीजा देने से इनकार कर सकता है.
लोगों ने क्या कहा
Reddit पर युवक की पोस्ट वायरल होते ही यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं देनी शुरू कर दीं.किसी ने कहा कि अमेरिका में गर्लफ्रेंड होना एक मजबूत व्यक्तिगत संबंध है, जो वीजा अधिकारी के लिए एक रेड फ्लैग बन सकता है.वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि न कोई इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री, न ही किसी वेस्टर्न देश का अनुभव और ऊपर से अमेरिका में रोमांटिक पार्टनर ये वीजा रिजेक्ट होने की क्लासिक वजहें हैं.
साथ ही कुछ लोगों ने ये भी सलाह दी कि वीजा इंटरव्यू में सब कुछ सच नहीं बताना चाहिए. वीजा इंटरव्यू में पूरी ईमानदारी दिखाना सही नहीं रहता.कई बार लोग सोचते हैं कि सच बोलने से प्रक्रिया आसान हो जाएगी, लेकिन वास्तविकता में हर उत्तर को अधिकारी अलग नजरिए से देखता है. खासतौर पर इंडियन के लिए मुश्किल हो जाता है, क्योंकि अमेरिका के अधिकारी की नजर में इंडियन की इमेज अच्छी नहीं होती.