पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न और बीजेपी के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) का गुरुवार को 93 साल की उम्र में निधन हो गया. पाकिस्तान से प्रकाशित सभी प्रमुख अखबारों ने अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया है.
पाकिस्तान के प्रमुख अंग्रेजी अखबार 'द डॉन' ने अपने पहले पन्ने पर वाजपेयी के निधन से जुड़ी एक छोटी सी खबर छापी है. अखबार ने अपने तीसरे पन्ने पर इस बारे में विस्तार से बताया है. साथ ही उन्हें पाकिस्तान से वार्ता का शांति दूत कहा है.
वहीं 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने अपने पहले पन्ने पर वाजपेयी की एक मुस्कुराती हुई तस्वीर लगाई है.
'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने भी अंदर के पन्ने पर विस्तार से लिखा है.
अंग्रेजी अखबार 'इंटरनेशनल द न्यूज़' ने भी इस खबर को पहले पन्ने पर छापा है
वहीं 'जंग’ नामक उर्दू न्यूज पोर्टल ने अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी तीन खबरें प्रकाशित की हैं.
पाकिस्तान में ट्विटर पर भी अटल बिहारी वाजपेयी की मौत ट्रेंडिंग विषयों में रही. लोगों ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया.
ज्यादातर पाकिस्तानियों ने उन्हें 1999 में की गई उनकी लाहौर बस यात्रा के लिए याद किया.
पाकिस्तानी पत्रकार गिबरान अशरफ के अनुसार अटल का कार्यकाल आखिरी शासनकाल था तब भारत और पाकिस्तान करीब आए थे.
वहीं कुछ लोगों ने वाजपेयी की लाहौर यात्रा को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन के चीन यात्रा से तुलना करते हुए वाजपेयी को एक बहादुर पीएम माना और दुख व्यक्त किया.
कई पाकिस्तानियों ने अटल बिहारी वाजपेयी के निधन को एक युग का अंत बताया.
वहीं, वाजपेयी के निधन पर सबसे भावुक ट्वीट पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से आया. उन्होंने अटल की एक कविता ''जंग न होने देंगे'' ट्वीट की.
एक और पत्रकार ने अटल बिहारी वाजपेयी को एक बेहतरीन राजनेता करार दिया.
शशि थरूर से अपनी कथित नजदीकी के चलते चर्चा में रहने वाली पाकिस्तानी पत्रकार और कॉलमनिस्ट मेहर तरार ने भी ट्वीट किया. मेहर तरार के अनुसार वाजपेयी वह पीएम थे जो भारत और पाकिस्तान को उनके खूनी इतिहास से आगे निकालकर शांति की राह पर ले जाना चाहते थे.
कई पाकिस्तानियों ने माना कि अटल ने भारत और पाकिस्तान के बीच शांति लाने का प्रयास किया लेकिन हमने उन्हें असफल कर दिया.