किसानों के वेश में आज अराजक तत्वों ने राजधानी दिल्ली को बंधक बनाने की साजिश रची. गणतंत्र दिवस के मौके पर कृषि कानूनों के विरोध में जो ट्रैक्टर रैली होनी थी, वो हिंसक प्रदर्शन में बदल गई. प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग तोड़कर लाल किला पहुंचे. इस दौरान पुलिस से हिंसक झड़प हुई, इन उपद्रवियों के हाथों में हथियार थे. हथियारों की हनक पर लाल किले में घुसपैठ की गई और उन्होंने जो किया वो भारत के लोकतंत्र पर किसी बड़े हमले से कम नहीं है. एक तरफ पूरा देश गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय पर्व मना रहा था, तो दूसरी तरफ देश की राजधानी में लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा था. दिल्ली को बंधक बनाने की कोशिशें की जा रही थी. सुबह से ही हिंसा की तस्वीरें सामने आने लगी थी. 18 पुलिस वाले इस पूरे बवाल में जख्मी हैं और एक किसान की मौत हो चुकी है. सवाल ये है इस तरह के उपद्रव से आखिर हासिल क्या होगा? सवाल ये कि किसानों के मुखौटे पहनकर हुड़दंगी ब्रिगेड के साथ अब सरकार कैसे निपटेगी? देखें देश की बात.