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‘अतिवादी कंटेंट’ को लेकर फेसबुक की ओर से यूजर्स को किया जाएगा आगाह

फेसबुक अब अपने यूजर्स को अतिवादी कंटेंट को लेकर आगाह करेगा. फेसबुक नोटिफिकेश भेजकर यूजर्स से पूछेगा कि क्या आपके किसी जानने वाले का झुकाव उग्रवाद की ओर बढ़ रहा है. जांच के तौर पर पहले अमेरिका में यूजर्स के लिए चेतावनियां जारी की जाएंगी, फिर पूरी दुनिया में यह कदम उठाया जा सकता है.

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फेसबुक शुरू करेगा नई पहल (सांकेतिक तस्वीर)
फेसबुक शुरू करेगा नई पहल (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अतिवादी कंटेंट पर एक्टिव फेसबुक
  • फेसबुक पूछेगा यूजर से कई सवाल
  • अमेरिकी यूजर्स के लिए पहले चेतावनी

सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अब अपने ग्राहकों को ‘अतिवादी सामग्री’ के प्रति सचेत करेगी. इसके लिए यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजे जाएंगे. फेसबुक इंक की ओर से अपने कुछ यूजर्स को चेतावनी दिए जाना शुरू हो रहा है कि उन्होंने सोशल मीडिया साइट पर कुछ “चरमपंथी कंटेट” देखा हो सकता है.  

ट्विटर पर शेयर किए गए कुछ स्क्रीनशॉट्स में फेसबुक के नोटिफिकेशन का हवाला दिया गया है जिसमें पूछा गया है- “क्या आप इस बात से चिंतित है कि कोई ऐसा जिसे आप जानते हैं वो उग्रवादी बन रहा है.” ऐसे ही एक और नोटिस में यूजर्स को आगाह किया गया है- “आप हानिकारक चरमपंथी कंटेंट से हाल में रू-ब-रू हुए हो सकते हैं.” इन दोनों के साथ “get support”  के लिंक भी दिए गए हैं. यानि ऐसे यूजर्स को मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.     

दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया नेटवर्क पर लंबे अरसे से सिविल राइट्स ग्रुप और जनप्रतिनिधियों (लॉ मेकर्स) की ओर से दबाव बढ़ रहा है कि इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल चरमपंथी सामग्री के प्रसार के लिए ना हो. अमेरिका में 6 जनवरी को कैपिटल हिल पर तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के प्रदर्शन के बाद फेसबुक पर अतिवादियों को मंच दिए जाने के खिलाफ आवाजें मुखर हुई थीं. 

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टेस्टिंग के बाद लॉन्च होगा फीचर

फेसबुक की ओर से गुरुवार को दी गई जानकारी के मुताबिक कंपनी अभी पायलट के तौर पर छोटा परीक्षण कर रही है. इसके तहत चेतावनियों को सिर्फ अमेरिका में उतारा गया है. बाद में इसे दुनियाभर के यूजर्स के लिए शुरू किया जा सकता है. 

फेसबुक ने एक बयान में कहा, "यह परीक्षण हमारे उन विस्तारित प्रयासों का हिस्सा है, जिनके तहत हम फेसबुक यूजर्स को मदद करने के तरीके खोज रहे हैं, जिन्होंने चरमपंथी कंटेंट का सामना किया हो सकता है, या ऐसे लोग जिन्हें खतरा हो सकता है. हम वॉलंटियर्स संस्थाओं और विशेषज्ञों के साथ मिलकर काम कर रहे है और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में हमारे पास बताने के लिए और बहुत कुछ होगा.” 

क्यों फेसबुक ने लिया एक्शन?

फेसबुक ने कहा कि उसकी ये कोशिशें ‘क्राइस्टचर्च कॉल टू एक्शन' मुहिम को लेकर प्रतिबद्धता के तहत है. न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में 2019 में एक बंदूकधारी ने एक स्थानीय मस्जिद पर हमला किया था और कई लोगों की जान ले ली थी. उस हमले की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए प्लेटफार्म का इस्तेमाल किया गया था.

 

फेसबुक ने कहा कि अपने शुरुआती परीक्षण में दोनों तरह के यूजर्स की पहचान की जा रही है, वे भी जिनके सामने से चरमपंथी कंटेंट गुजरा हो, और वे भी जिनके कंटेंट को फेसबुक ने कभी अतिवादी मानते हुए हटाया हो. 

हेट कंटेंट और हिंसा को लेकर फेसबुक के नियम सख्त

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फेसबुक ने हाल के वर्षों में हिंसक गतिविधियों और नफरत फैलाने वाले समूहों के खिलाफ अपने नियम सख्त किए गए हैं. साथ ही नियमों का उल्लंघन करने कुछ कंटेंट और अकाउंट्स को प्रोएक्टिव तौर पर हटाया गया जिससे कि  वो सामग्री यूजर्स न देख सकें. लेकिन ये संभव है कि कुछ और कंटेंट कार्रवाई करने से पहले ही देखा जा चुका हो.  

(एजेंसियों के इनपुट्स के साथ) 

 

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