चार बार की चैम्पियन टीम चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) दो साल में दूसरी बार प्लेऑफ से बाहर होने की कगार पर खड़ी है. अब तक 11 में 7 मैच गंवा चुकी चेन्नई तकनीकी रूप से अभी भी दौड़ में है, बशर्ते बाकी मैचों के नतीजे उसके अनुकूल रहें. अगर-मगर के फेर में फंसी सीएसके के लिए यह सीजन किसी बुरे सपने से कम नहीं. शुरुआती लगातार चार मुकाबले गंवाने के बाद जीत का खाता खोलने वाली पिछली चैम्पियन चेन्नई अपने 'अतिआत्मविश्वास' की वजह से आज इस खराब दौर से जूझ रही है. चेन्नई सुपर किंग्स के बुरे हाल के लिए उसके खुद के फैसले जिम्मेदार हैं.
शुरू में ही उल्टा पड़ा CSK का दांव
मौजूदा सीजन की शुरुआत से पहले माना जा रहा था कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में ही टीम अपने अभियान का आगाज करेगी, लेकिन आईपीएल शुरू होने से ठीक दो दिन पहले चेन्नई का एक बड़ा फैसला सभी को चौंका गया. सीएसके प्रबंधन ने ऐलान कर दिया कि इस बार रवींद्र जडेजा के नेतृत्व में टीम मैदान पर उतरेगी. इस फैसले के पीछे चेन्नई का तर्क रहा होगा कि कप्तानी का 'शून्य' अनुभव रखने वाले जडेजा 40 साल के धोनी के रहते कप्तानी के गुर सीख जाएं, क्योंकि अब नए कप्तान को प्रमोट करने का समय आ गया है.
जडेजा की कप्तानी से सीजन का आगाज कर सीएसके प्रबंधन ने अपना आदर्श रूप दिखाया. लेकिन इसके बाद जो हुआ वह चेन्नई के लिए ठीक नहीं हुआ. एक तो लगातार चार हार से टीम बेपटरी होती नजर आई. कप्तान के तौर पर जडेजा बिल्कुल सक्रिय नहीं दिखे- वह न तो अपनी फिरकी का जादू चला पाए और नहीं बल्ले से रन बरसा पाए. फील्डिंग में भी वह अपनी पुरानी प्रतिष्ठा को बनाए रखने में कामयाब नहीं रहे. इन सबके पीछे एक ही कारण माना जा सकता है कि अनुभवहीन कप्तान जडेजा नई जिम्मेदारी के दबाव को झेल नहीं पाए.
टीम की चरमराहट से बेचैन CSK
फिर क्या था चेन्नई प्रबंधन टीम की इस चरमराहट से बेचैन हो गया और उसने अपना रौद्र रूप दिखा दिया. आनन-फानन में एक ऐसा फैसला लिया कि क्रिकेट प्रशंसक हैरान दिखे. जडेजा से कप्तानी 'छीन' ली गई और एक बार फिर सीएसके प्रबंधन धोनी की शरण में चला गया. उन्हें लगा कि बस हो गया अब धोनी ही कुछ कर सकते हैं. निश्चित तौर पर इसे 'हास्यास्पद' ही कहा जा सकता है. धोनी कोई 'जादूगर' नहीं... जब चाहें टीम की दिशा और दशा बदल दें. खैर टीम अब उस जगह खड़ी है, जहां से एक हार उसे टूर्नामेंट से बाहर कर देगी. होना तो यह चाहिए था कि हार ही सही जडेजा को बनाए रखना चाहिए था. जो भी होता अगले सीजन के लिए कप्तान के तौर पर जडेजा को तैयार करने का और वक्त मिल जाता.
जडेजा अब हमेशा के लिए बाहर तो नहीं?
इस सीजन में चेन्नई की टीम विवादों में घिरती जा रही है. अब रवींद्र जडेजा को चोटिल बताया गया है. और वह इस आईपीएल से बाहर हो गए हैं. साथ ही यह भी सुनने में आ रहा है कि चेन्नई सुपर किंग्स ने इंस्टाग्राम पर जडेजा को अनफॉलो कर दिया, साथ ही जडेजा भी किसी को फॉलो नहीं करते हैं. यानी चेन्नई टीम में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. लगातार कयासों का दौर जारी है. जडेजा अब हमेशा के लिए कहीं बाहर तो नहीं हैं..?
प्रबंधन की सोच और उनके फैसले जिम्मेदार
अब चेन्नई विवादों के साथ अपना अभियान खत्म करने की कगार पर है. इसके पीछ प्रबंधन की सोच और उनके फैसले जिम्मेदार है. अपना बड़ा दिल न दिखाते हुए धोनी की कप्तानी में सीजन का आगाज करना चाहिए था और उसी आक्रामकता और दमदार खेल से फिर अपना सिक्का जमाना चाहिए था जैसा कि 2020 आईपीएल के प्लेऑफ से चूकने के बाद टीम ने अगले साल खिताब जीतकर जोरदार वापसी की थी.