चार दिवसीय मुकाबले के चौथे दिन सूरज चढ़ने से पहले ही ऋषभ पंत का बल्ला चमक उठा. एक ऐसी पारी, जिसने मुकाबले की दिशा ही पलट दी. कप्तान पंत के 90 रनों की दमदार बुनियाद पर निचले क्रम के बल्लेबाजों ने जुझारू साझेदारियां जोड़ीं और इंडिया-ए ने दक्षिण अफ्रीका-ए को पहले टेस्ट में 3 विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल की. यह सिर्फ एक जीत नहीं थी, बल्कि पंत के पुराने रंग की वापसी और टीम के निचले क्रम की हिम्मत का बयान भी थी.
रविवार सुबह इंडिया-ए ने 119/4 के स्कोर से पारी आगे बढ़ाई. पंत (90 रन, 113 गेंद, 11 चौके, 4 छक्के) और आयुष बदोनी (34 रन, 47 गेंद) ने 12 ओवरों में 63 रन जोड़ते हुए टीम को ठोस शुरुआत दी. टीम को लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अब भी 166 रन चाहिए थे, लेकिन पंत और बदोनी ने आक्रामक रुख अपनाकर दबाव कम किया.
पंत ने दिन की दूसरी गेंद पर ओखुले सेले को छक्का लगाकर शुरुआत की और उसके बाद थर्ड मैन की दिशा में दो चौके जड़ दिए. पहले ही ओवर में 14 रन बने और रनगति बढ़ती चली गई.
हालांकि दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों ने जल्द ही अपनी योजना बदली. उन्होंने फुल लेंथ छोड़कर शॉर्ट बॉल्स का सहारा लिया. कुछ बाउंसरों के बाद पंत तियान वैन वुएरेन की गेंद पर पुल शॉट खेलते हुए सेकेंड स्लिप पर कैच दे बैठे. यह राहत भरा पल लेसेगो सेनोक्वाने के लिए था, जिन्होंने इससे पहले 80 के स्कोर पर पंत का आसान कैच छोड़ा था.
पंत की यह पारी और विकेट के पीछे 139 ओवरों की लंबी ड्यूटी चयनकर्ताओं के लिए भी एक अच्छा संकेत मानी जा रही है, क्योंकि जल्द ही दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीनियर टेस्ट सीरीज की टीम चुनी जानी है.
आयुष बदोनी ने त्शेपो मेराकी की गेंद पर शानदार फ्लिक लगाया, लेकिन वुएरेन की बाउंसर पर पुल शॉट खेलते हुए डीप फाइन लेग पर लपके गए. तनुश कोटियन ने भी 30 गेंदों पर 23 रन बनाए, पर लूथो सिपमाला की बाउंसर पर आउट होकर लंच से ठीक पहले पवेलियन लौट गए.
पहले सीजन में टीम ने 101 रन जोड़े, लेकिन तीन अहम विकेट गंवा दिए. स्कोर 216/7 था और जीत के लिए अब भी 59 रन बाकी थे. अब जिम्मेदारी थी टेलएंडर्स पर... और उन्होंने कमाल कर दिया. मानव सुथार (20 नाबाद) और अंशुल कम्बोज (37 नाबाद) ने मुश्किल हालात में डटे रहकर मैच पलट दिया. वुएरेन की बाउंसर से कम्बोज के हेलमेट पर चोट लगी, लेकिन अगली ही दो गेंदों पर उन्होंने एक छक्का और चौका लगाकर जवाब दिया.
बाद में सुथार भी वुएरेन की शॉर्ट बॉल से घायल हुए, मगर दोनों ने हिम्मत नहीं छोड़ी. एजेज निकले, कैच छूटे, पर दोनों डटे रहे और धीरे-धीरे टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया. जीत का क्षण तब आया जब सूथार ने प्रेनेलन सुब्रायन की गेंद को मिडविकेट के ऊपर से चौके के लिए उड़ा दिया और इंडिया-ए ने इस रोमांचक मुकाबले को तीन विकेट से जीतकर दौरे की शानदार शुरुआत की