रवि शास्त्री ने चार सालों तक भारतीय टीम के हेड कोच की जिम्मेदारी संभाली थी. शास्त्री न्यूजीलैंड के जॉन राइट या साउथ अफ्रीकी गैरी कर्स्टन की तरह अपनी कोचिंग में भारत को आईसीसी खिताब नहीं दिला सके. लेकिन ऑस्ट्रेलिया और इंग्लिश जमीं पर भारत ने टेस्ट मैचों में यादगार जीतें हासिल की. हेड कोच बनने से पहले शास्त्री को दो मौकों पर टीम इंडिया का डायरेक्टर बनाया गया था.
पहली बार वह 2007 में बांग्लादेशी दौरे पर टीम के डायरेक्टर रहे थे. इसके साल 2014-16 के दौरान उन्होंने यह पद संभाला. अब शास्त्री ने 2014 में टीम निदेशक के रूप में पद संभालने को लेकर दिलचस्प वाकये का खुलासा किया है.
शास्त्री को बीसीआई ने किए थे 7 मिस कॉल
शास्त्री ने द गार्जियन से कहा, 'मुझे कोई चेतावनी नहीं मिली थी. मैं भारत के इंग्लैंड दौरे के दौरान ओवल में कमेंट्री कर रहा था. अचानक छह या सात मिस्ड कॉल आने के बाद मैं ऑफ एयर हो गया. सात कॉल..? यहां क्या हुआ है. बीसीसीआई ने कहा कि हम चाहते हैं कि आप कल से किसी भी कीमत पर कार्यभार संभालें.'
शास्त्री ने आगे कहा, 'मैंने उनसे बताया कि मुझे अपने परिवार और कॉमर्शियल पार्टनर्स से बात करनी होगी, लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि वे सब कुछ सुलझा लेंगे और ऐसे ही मैं कमेंट्री बॉक्स से सीधे अंदर आ गया था. आप देखेंगे कि जब मैं टीम इंडिया के सेटअप में शामिल हुआ, तब मैं जींस में था. तुरंत मेरी नौकरी बदल गई थी.'
इंग्लैंड में रन बनाना आसान नहीं: शास्त्री
शास्त्री ने कहा कि उनके एजेंडे में पहली चीज एक मजबूत टीम का निर्माण करना था, ताकि भारत विदेशी टेस्ट जीत सके. उन्होंने कहा, 'हमारे पास थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट भी थे जो नेट्स में 16 गज की दूरी और 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद को स्मैश करते थे. कोई इससे भाग नहीं रहा था और मैं यह सुनिश्चित करने के लिए स्टंप के पीछे खड़ा था. कोई फर्क नहीं पड़ता कि गेंद का सामना करने वाला व्यक्ति कौन था. इंग्लैंड में आपको रन बनाने के लिए मेहनत करनी ही होती है.'
पॉजिटिव माइंडसेट की जरूरत: शास्त्री
शास्त्री ने कहा, 'गेंदबाजों के साथ भी ऐसा ही होता था. हम जानते थे कि ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड में जीत स्पिन के जरिए नहीं मिल सकती है. यह तेज गेंदबाज थे, जसप्रीत बुमराह जैसे आक्रामक प्लेयर्स. हमने यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कि वह टेस्ट क्रिकेट खेलें. आपको टेस्ट खेलने के लिए तेज गति की भी आवश्यकता नहीं है, आपको केवल पॉजिटिव माइंडसेट की जरूरत होती है.'
टीम निदेशक के रूप में शास्त्री के दो साल के कार्यकाल के बाद भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले को 2016 में मुख्य कोच नियुक्त किया गया था. कुंबले ने 2017 की चैम्पियंस ट्रॉफी के बाद पद छोड़ दिया था. इसके बाद शास्त्री ने मुख्य कोच के रूप में कार्यभार संभाला और 2021 के टी 20 विश्व कप तक इस पद पर बने रहे.