भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 2011 में IPL टीम कोच्चि टस्कर्स केरल को टर्मिनेट (यानी बाहर) कर दिया था. इसके बाद से ही टीम मालिकों और BCCI के बीच ये मामला कोर्ट में चल रहा था. अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि BCCI को 539 करोड़ रुपये टीम मालिकों को चुकाने होंगे, क्योंकि टीम को नियमों के मुताबिक बिना ठोस कारण के हटाया गया था.
कुल मिलाकर 2011 में कोच्चि टस्कर्स केरल (KTK) IPL टीम को हटाने के मामले में BCCI को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने BCCI के खिलाफ 2015 में दिए गए फैसले को बरकरार रखा है और उन्हें कुल 539 करोड़ रुपये चुकाने का आदेश दिया है.
इसके तहत 385.50 करोड़ रुपये कोच्चि क्रिकेट प्राइवेट लिमिटेड (KCPL) को और 153.34 करोड़ रुपये रेंडेजवस स्पोर्ट्स वर्ल्ड (RSW) को देने होंगे. कोच्चि टस्कर्स केरल टीम सिर्फ 2011 में IPL खेली थी और उस सीजन में 10 में से आठवें नंबर पर रही थी. टीम की कमान उस सीजन में श्रीलंकाई खिलाड़ी महेला जयवर्धने के हाथ में थी. टीम के मालिक KCPL और RSW थे.
सितंबर 2011 में BCCI ने टीम को यह कहकर बाहर कर दिया कि उन्होंने तय समय पर बैंक गारंटी नहीं दी. KCPL और RSW ने 2012 में मध्यस्थता की कार्यवाही शुरू की और अनुबंध को इस तरह खत्म करने को गलत बताया गया. मध्यस्थता पंचाट ने 2015 में उनके पक्ष में फैसला सुनाया. इसने KCPL को 384.8 करोड़ रुपये से अधिक का मुआवजा देने के साथ ब्याज और लागत के साथ RSW को 153.3 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वापस करने का आदेश दिया. बीसीसीआई ने इन आदेशों को हाइकोर्ट में में चुनौती दी थी.
इस मामले में जस्टिस रियाज आई चागला ने कहा- इस मामले में कोर्ट की शक्ति आर्बिटेशन एक्ट के सेक्शन 34 के तहत बेहद लिमिटेड है. उन्होंने यह भी कहा- BCCI ने गलत तरीके से बैंक गारंटी का इस्तेमाल किया, जो KCPL के साथ हुए करार का उल्लंघन था इसलिए मध्यस्थ (arbitrator) का फैसला सही था. BCCI को अगले छह हफ्तों में अपील करने का मौका दिया गया है.
कोच्चि टस्कर्स केरल टीम
कोच्चि टस्कर्स केरल (KTK) एक अब बंद हो चुकी IPL फ्रेंचाइजी थी, जो कोच्चि (केरल) शहर का प्रतिनिधित्व करती थी. इस टीम को 2011 के IPL सीजन के लिए शामिल किया गया था, उसी साल पुणे वॉरियर्स इंडिया भी नई टीम के तौर पर आई थी. इस टीम की मालिक कंपनी कोच्चि क्रिकेट प्रा. लि. थी, जो कई कंपनियों के मिलकर बने एक समूह (कंसोर्टियम) की थी. KTK ने सिर्फ एक ही सीजन (2011) में खेला, उसके बाद BCCI ने इस टीम को 2012 में टर्मिनेट (बाहर कर दिया) कर दिया.