Bengaluru stampede case: कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार (11 जून) को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और उसके मार्केटिंग हेड निखिल सोसले की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली. ये याचिकाएं उस आपराधिक मामले को लेकर दायर की गई थीं, जो RCB की आईपीएल में खिताबी जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ और मौतों से जुड़ी हुई थी. अब कोर्ट अपना फैसला इस मामले में गुरुवार (12 जून) दोपहर 2:30 बजे सुनाएगा.
लेकिन इस मामले में सबसे बड़ा सवाल है कि जांच कमेटी, ब्लेम गेम (आरोप प्रत्यारोप) के बाद भी RCB के फैन्स की हुई मौत जिम्मेदार कौन है, इस बात का जवाब अब भी नहीं मिल सका है. कर्नाटक सरकार ने बुधवार को बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था.
इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी. सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि इस इवेंट के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के जरिए -'पूरी दुनिया को बुला लिया था'.
बुधवार को कोर्ट में चार लोगों की याचिका पर सुनवाई हुई, जिनमें RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले की याचिका भी शामिल थी.इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जज एस.आर. कृष्ण कुमार की सिंगल बेंच कर रही है.
सरकार ने यह भी बताया कि इस मामले की जांच अब क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) को सौंप दी गई है. उन्होंने कहा कि जांच स्थानांतरण का समय अहम नहीं है क्योंकि हाईकोर्ट को इसकी जानकारी समय पर दी गई थी. भगदड़ की घटना के बाद कई पुलिस अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया और तुरंत नई नियुक्तियां की गईं, जिनमें एक नया पुलिस कमिश्नर भी शामिल है. कोर्ट अब उसकी नियुक्ति से जुड़ी फाइलों की जांच कर रही है.
सरकार ने यह भी आरोप लगाया कि RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसाले भागने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने बताया कि रात 10:56 बजे फ्लाइट टिकट बुक किया गया था और अगली सुबह की फ्लाइट ली जानी थी. एडवोकेट जनरल ने कहा, 'इसमें कोई शक नहीं है.'
मैच शुरू होने से पहले एक घंटे पहले मांगी थी परमिशन
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट में बुधवार को कहा था कि RCB ने 29 मई को पंजाब के खिलाफ मैच जीत लिया था और उन्हें पता था कि वे फाइनल में पहुंच चुके हैं. इसके बावजूद उन्होंने ना तो जीत का जुलूस (विक्ट्री परेड) निकालने की अनुमति ली और ना ही स्टेडियम में जश्न मनाने के लिए परमिशन मांगी.
शेट्टी ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा- 3 जून को मैच शुरू होने से सिर्फ एक घंटे पहले आयोजकों ने प्रशासन को एक चिट्ठी दी, जिसमें लिखा था कि वे विक्ट्री परेड 'आयोजित करेंगे'. यानी वे इजाजत नहीं मांग रहे थे, बस अपने प्लान की जानकारी दे रहे थे.
एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बुधवार को इस बात की भी जानकारी दी कि कि आयोजकों की तरफ से सिर्फ कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की ओर से एक जानकारी दी गई थी. इसके अलावा कोई औपचारिक अनुमति नहीं ली गई थी.
इसके बावजूद, RCB ने 3 जून की रात 11:30 बजे से लेकर 4 जून की सुबह तक सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए, जिनमें फैन्स को विक्ट्री परेड और सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए बुलाया गया था.
क्षमता थी 33 हजार, पहुंचे 4 लाख
एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा- ऐसा लग रहा था जैसे उन्होंने पूरी दुनिया को बुला लिया हो. उन्होंने बताया कि स्टेडियम के बाहर करीब 3.5 से 4 लाख लोग पहुंच गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता सिर्फ 33,000 लोगों की थी. उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों ने कभी यह नहीं बताया कि किसे अंदर आने दिया जाएगा. उनकी सोशल मीडिया पोस्ट में सिर्फ इतना लिखा था कि सभी फैन्स आएं और टीम के लिए चीयर करें.
RCB फैन्स संभालने की जिम्मेदारी किसकी थी?
सरकार ने कोर्ट को बताया था कि RCB और BCCI के बीच गेट मैनेजमेंट, टिकटिंग और सुरक्षा को लेकर एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार भीड़ को संभालने की पूरी जिम्मेदारी फ्रेंचाइजी और क्रिकेट बोर्ड की थी. पहले कहा गया था कि इस इवेंट के लिए DNA एंटरटेनमेंट कंपनी और KSCA के साथ मिलकर तीन पक्षों का समझौता हुआ था, लेकिन कोर्ट में इसे गलत बताया गया और सुधार किया गया.
RCB ने मामले में सच्चाई छिपाई
एडवोकेट जनरल ने कहा कि RCB ने सच्चाई छुपाने की कोशिश की और इस इवेंट को सरकारी कार्यक्रम की तरह पेश किया, जबकि यह पूरी तरह से निजी आयोजन था. उन्होंने बताया कि RCB ने सोशल मीडिया पर फ्री पास की बात कही, लेकिन यह साफ नहीं किया कि किसे अंदर आने दिया जाएगा और किसे नहीं. उन्होंने कोर्ट में कहा, "RCB गलत जानकारी के साथ कोर्ट आई है और इसे गुमराह करने की कोशिश की है."
DC जगदीश ने घायलों के बयान दर्ज करने शुरू किए
चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहद हुई भगदड़ की मजिस्ट्रेट जांच भी 11 जून को शुरू हो गई; जिसमें बेंगलुरु अर्बन के डिप्टी कमिश्नर (DC) जगदीश ने बुधवार को DC कोर्ट परिसर में घायलों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए. राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए थे, जिसकी जिम्मेदारी DC जगदीश को दी गई है. उन्हें 15 दिन में रिपोर्ट देनी है.
बेंगलुरु भगदड़ के अहम मोड़, कब क्या हुआ?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के इतिहास में RCB (रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु) की टीम पहली बार चैम्पियन बनी. उसने 3 जून को पंजाब किंग्स (PBKS) को 6 रनों से हराया. इस जीत के ठीक एक दिन बाद बेंगलुरु में विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया, पहले यह ओपन बस में होनी थी, लेकिन फिर ऐसा नहीं हुआ. बाद में विक्ट्री परेड से पहले एक हादसा हुआ, जहां 11 लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए. इस मामले में बाद में RCB मैनेजमेंट, कर्नाटक क्रिकेट राज्य संघ (KSCA), भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पल्ला झाड़ लिया. बाद में 5 जून हाईकोर्ट को भी इस मामले में दखल देना पड़ा और 10 जून तक पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी.
5 जून को 11 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के मामले में कब्बन पार्क पुलिस थाने में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स (जो इवेंट की आयोजन कंपनी थी), कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की. इस मामले में इससे सीएम सीएम सिद्धारमैया ने पुलिस को बेंगलुरु भगदड़ का जिम्मेदार माना था. जिसके बाद पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसर सस्पेंड कर दिए गए थे. बाद में कर्नाटक के IPS अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को बेंगलुरु का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था. 5 जून को ही आरसीबी ने भगदड़ में जान गंवाने वाले 11 समर्थकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.
6 जून को खबर आई कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. बेंगलरु में 4 जून को RCB की विक्ट्री परेड से पहले हुई भगदड़ मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की थी. डीएनए के तीन स्टाफ मेंबर्स किरण, सुमंथ और सुनील मैथ्यू को पुलिस ने हिरासत में लिया था.