ये इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है. पहले माधवराव सिंधिया और फिर उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया यहां कांग्रेस की ताकत थे लेकिन, सिंधिया ने बीजेपी जॉइन की और समीकरण बदल गए. कांग्रेस इसे सुधारने में जुटी है.