कार्तिक मास में सूर्य देव अपनी नीच राशि में होने के कारण सबसे कमजोर स्थिति में होते हैं. इस समय सूर्य देव की विशेष पूजा और उपासना का बड़ा महत्व होता है. वैदिक ज्ञान के अनुसार, सूर्य की पूजा करने से न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं बल्कि यह हमारी ऊर्जा को भी बढ़ावा देती है. इसके अलावा षष्ठी तिथि का संतान की आयु से सीधा संबंध होता है.