वंदे मातरम भारत के इतिहास में आजादी के संघर्ष का प्रतीक है, जिसे बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने रचा था और यह देश की आत्मा बन चुका है. लेकिन आज यह गीत राजनीति के केंद्र में है, जब जमियत उलेमाए हिंद के मुखिया मौलाना महमूद मदनी ने इस गीत पर सवाल उठाए. मदनी के बयान ने राजधानी दिल्ली में तीव्र प्रतिक्रिया को जन्म दिया है, वहीं बीजेपी ने इसे भड़काऊ करार दिया.