बिहार में बेरोजगारी की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. कभी-कभी वोट खरीदने के लिए दस हजार रुपये उन बेरोजगारों की पत्नियों को दिये जाते हैं. ऐसी प्रथाओं से न केवल आम जनता प्रभावित होती है, बल्कि देश की विकास प्रक्रिया भी धीमी पड़ जाती है. यह सवाल उठता है कि ये वोट खरीदने की नीति कब खत्म होगी और बेरोजगारी की समस्या का स्थायी समाधान कब मिलेगा.