सरकार को इस एप को लेकर लोगों की प्राइवेसी से जुड़ी चिंताओं को गंभीरता से लेना चाहिए. कई लोगों को इस बात का डर है कि उनके डेटा का दुरुपयोग होगा और उनकी निजी बातें रिकॉर्ड की जा सकती हैं. ऐसे सवाल हैं जो लोगों के मन में शंकाएँ पैदा करते हैं और इन्हें दूर करना सरकार की जिम्मेदारी है. यह सही है कि एप का उपयोग अनिवार्य नहीं होना चाहिए, लेकिन इसके साथ ही उन सभी शंकाओं को भी खत्म किया जाना चाहिए.