ऐसा पहली बार हुआ है जब एक्सपर्ट्स धरती की इतनी गहराई तक जा सके हैं. ये अनजान परत एस्थेनोस्फीयर के भीतर है. एस्थेनोस्फीयर धरती के क्रस्ट के नीचे एक कमजोर परत है जो मूव होती रहती है.