इस वीडियो में यह बताया गया है कि सीबीआई की बातों पर तभी भरोसा किया जा सकता है जब वे हमें सीधे स्थिति दिखाएँ. सिर्फ इंतजार करने से या सपने देखने से भरोसा नहीं बनता. जब तक सीबीआई हमें सही जानकारी और साक्ष्य नहीं देगी, तब तक विश्वास करना मुश्किल होगा. इस संदर्भ में यह बताया गया है कि वास्तविकता के सामना होने तक किसी पर भरोसा करना उचित नहीं.