इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएफ) के नेता और विधायक नौशाद सिद्दीकी वे बताया कि दो हजार चौबीस के लोकसभा चुनाव के दौरान हुमायूं कबीर ने जो दावे किए थे, ममता बनर्जी ने उनका रुख कैसे बदला. पहले उन्होंने हुमायूं कबीर को पार्टी से निकालने की बात कही थी लेकिन बाद में वे दोबारा समर्थन में आ गए. ममता बनर्जी ने मुस्लिम समाज में बीजेपी का डर दिखाकर समर्थन लिया और अब हिंदू समाज का दिल जीतने के लिए हुमायूं कबीर को सस्पेंड किया गया है.