चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने वोटर आईडी को आधार से जोड़ने पर फैसला लिया है। इस कदम से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और डुप्लिकेट मतदाताओं की पहचान की जाएगी। जानिए, कैसे इस फैसले से चुनाव आयोग ने निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाया।