सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि प्रत्येक मामले का निर्णय उसके तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर किया जाना चाहिए. जहां पति या उसके परिवार को पीड़ित किया गया है, वहां कानून को उसी के अनुसार काम करना चाहिए. यदि किसी महिला को परेशान किया गया है, तो कानून को उसके बचाव में भी आना चाहिए. तो इस प्रावधान में क्या गलत है?