समाजवादी पार्टी के विधायक मनोज पारस ने मोहम्मद अली जिन्ना को सम्मान स्वरूप जिन्ना साहब कहा, जिससे विधानसभा में विवाद उत्पन्न हो गया. विधायक ने यह भी कहा कि कई मुसलमान जिन्होंने जिन्ना के आव्हान पर पाकिस्तान नहीं जाकर देश में रहना चुना, उनका सम्मान किया जाना चाहिए. इस बयान पर सत्तापक्ष ने आपत्ति जताई और सदन की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया. इस पूरे मामले पर यह भी चर्चा हुई कि विभाजन के समय देश के मुसलमानों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संविधान में विश्वास करके देश में रहना स्वीकार किया.