बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के साथ-साथ आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडु भी एनडीए के प्रमुख सहयोगी दल हैं. मतलब, एनडीए सरकार में कोई भी बड़ा फैसला इन दोनों नेताओं की सहमति के बगैर नहीं हो पाएगा. यानी सरकार पर अंकुश रखने की डोर इन दोनों के हाथ में है.