राष्ट्रपति पुतिन ने बताया है कि रक्षा क्षेत्र में भारत आज भी रूस का सबसे बड़ा खरीदार है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग अड़तीस प्रतिशत है. पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और सैंक्शंस के बावजूद भारत अपनी रक्षा खरीद को नहीं रोकेगा. प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विदेशी दबाव में नहीं आएगा और अपनी शक्ति का प्रदर्शन करेगा. भारत का उद्देश्य टकराव से बचते हुए अपने वैध हितों की रक्षा करना है.