कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी का कहना है कि सरकार द्वारा हर योजना का नाम बदलने की प्रवृत्ति समझ से परे है क्योंकि इससे केंद्र सरकार को अतिरिक्त वित्तीय खर्च उठाना पड़ता है. माननीय सदस्यों से आग्रह है कि बिना व्यापक चर्चा और सदन की सहमति के जल्दबाजी में कोई विधेयक पास नहीं होना चाहिए. यह विधेयक वापस लिया जाना चाहिए और उसकी जगह सरकार को एक नया विधेयक प्रस्तुत करना चाहिए. महात्मा गांधी की भावना भी यही थी कि गहन जांच पड़ताल और पर्याप्त चर्चा के बाद ही कोई विधेयक प्रस्तुत होना चाहिए. इसलिए इसे स्थायी समिति के पास भेजा जाना चाहिए और किसी की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा या पूर्वाग्रह के आधार पर निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए.