2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में मनरेगा को लेकर एक स्पष्ट बयान दिया था. उन्होंने मनरेगा को खत्म करने की बात को पूरी तरह गलत बताया और इसे हमारे असफलताओं का एक जीवित स्मारक कहा. प्रधानमंत्री ने कहा कि मनरेगा को कभी भी खत्म नहीं करना चाहिए बल्कि इसे गर्व के साथ दुनिया के सामने रखना चाहिए.