राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पाकिस्तानी सेना नवाज शरीफ को सामने रखकर अपनी छवि सुधारना चाहती है. क्योंकि, पाकिस्तान में कोई भी प्रधानमंत्री बिना सेना की सहमति के नहीं बन सकता है. और नवाज शरीफ पर जैसे प्रतिबंध हैं, वे बिना सेना की मदद से खत्म नहीं किए जा सकते हैं.