पीएम मोदी ने संसद में कहा कि वंदे मातरम को 1905 में महात्मा गांधी सहित पूरे देश में राष्ट्रीय गान के रूप में देखा जाता था। उस समय देश के हर कोने में और हर व्यक्ति के जीवन में वंदे मातरम की भावना गहराई से जुड़ी थी। जो भी देश के लिए जीता और जागता था, वह इस महान गीत की ताकत को महसूस करता था। वंदे मातरम न केवल एक गीत था बल्कि देशभक्ति की भावना का प्रतीक था।