पप्पू यादव ने संसद में कहा कि राष्ट्रीय गीत हमारी संस्कृति, संस्कार और चरित्र का मूल है। यह हमारे विचारों, चिंतन, समर्पण, आहार और व्यवहार में समाहित है। यह हमारे दायित्व और कर्तव्य की आत्मा और भावना को दर्शाता है। आज की दुनिया में जहां समय, स्थान और व्यक्ति संबंधी अनेक मुद्दे हैं। जहाँ पूरी विश्व अर्थव्यवस्था, पानी, हवा और आर्थिक आजादी जैसे विषयों पर जागरूकता है, वहाँ राष्ट्रीय गीत हमें संस्कार सिखाता है और हमें याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति ही हमारे विकास की जड़ है।