दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वंदे मातरम गीत को पिछले तीस वर्षों से कभी भी सांप्रदायिक भावना से जोड़ा नहीं गया है। इसे हमेशा से भारत की प्रशंसा और देशभक्ति के प्रतीक के रूप में माना गया है। इस गीत का उद्देश्य केवल देश के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करना है।