नीतीश कुमार आज भले बिहार की सत्ता की धुरी बने हुए हैं लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें चुनाव में बार-बार हार का सामना करना पड़ा. नीतीश की जीवनी लिखने वाले संकर्षण ठाकुर ने अपनी किताब 'अकेला आदमी, कहानी नीतीश कुमार की' में लिखा कि नीतीश का शुरुआती चुनाव रिकॉर्ड इतना खराब रहा कि उन्होंने राजनीति छोड़कर सरकारी ठेकेदारी का इरादा कर लिया था.