जन्म के 5 दिन बाद बच्चे के माता पिता को पता चला कि उनके बच्चे के शरीर में कुदरती तौर पर मलद्वार ही नहीं है. फिर वह तुरंत ही आनन-फानन में सीतापुर से लखनऊ पहुंचे और उसे अस्पताल के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की ओपीडी में दिखाया और शिशु को भर्ती किया गया. जरूरी जांच के बाद 9 दिन के मासूम की सर्जरी कर मलद्वार बनाया गया.