कहते हैं कि बेटा अगर लायक हो तो मां-बाप का बुढ़ापा संवर जाता है. और वही बेटा अगर नालायक हो तो बुढ़ापा छोड़िए मां-बाप की जवानी भी जहन्नुम बन जाती है. ये कहानी है एक बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल मिथिलेश पांडे और अपने सपने को जलाकर काला कोट पहनने वाले मिथिलेश पांडे के छोटे बेटे एडवोकेट अभिषेक पांडे की. जिसने 12 साल तक लड़ी अपने पिता के हक की लड़ाई. पूरी खबर जानने के लिए देखें ये वीडियो.