एमपी कैबिनेट बैठक में विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पास किया गया. इसके बाद विश्वविद्यालयों के कुलपति अब कुलगुरु के नाम से जाने जाएंगे. वहीं, विश्वविद्यालय के कुल सचिव अब कुलपति कहलाएंगे.