सरकार ने बताया कि मोदी सरकार से पहले मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 48 प्रतिशत थी जो दस वर्षों में बढ़कर 56.74 प्रतिशत हो गई है। 2013-14 में आधार सीड सक्रिय श्रमिक 67 लाख थे जो अब 12.11 करोड़ तक पहुंच चुके हैं। उस समय आधार आधारित भुगतान नहीं होते थे जबकि अब 11.93 करोड़ मजदूरों को भुगतान हो रहा है।