मध्य प्रदेश के आगर मालवा कोर्ट में सोमवार को उस समय सभी की निगाहें एक शख्स पर टिक गईं जब वह अर्द्धनारीश्वर के रूप में अपने बेटे के साथ आत्मसमर्पण करने पहुंचा. आरोपी की पहचान मनोज बामनिया के रूप में हुई है जो अपने ढाई साल के बेटे भव्यांश के अपहरण के मामले में पिछले तीन महीने से फरार था.