42 दिनों के विरोध के बाद डॉक्टरों ने 21 सितंबर को आंशिक रूप से सरकारी अस्पतालों में अपनी ड्यूटी पर वापस आ गए थे. मंगलवार को आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने बंगाल सरकार पर उनकी मांगों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए 2 अक्टूबर को बड़े स्तर पर रैली निकालने की घोषणा की.