यह बात स्पष्ट करती है कि कला और संगीत मनोरंजन के माध्यम हैं जो लोगों को प्रभावित करते हैं लेकिन ये कार्य या पलायन जैसे सामाजिक विषयों से अलग हैं. संगीत या कला कभी गंदा नहीं होता. शब्द हो सकता है गंदे लगें लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कौन कैसे ले रहा है. भजनों का उदाहरण देते हुए बताया गया कि ये भी कला का हिस्सा हैं. रोजगार और कला के विषय अलग हैं और इन्हें अलग नजरिए से देखना चाहिए.