जीतनराम मांझी ने चुनाव आयोग से अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होनें कहा है कि 'जब हमने नेताओं से 10 वर्षों के लिए प्रार्थना की थी, लेकिन कभी कभी हमें अपमानित महसूस होता है क्योंकि चुनाव आयोग हमारी राय को नहीं मानता. यह अनुभव लोगों में एक कसक और दर्द पैदा करता है.'