Premanand Maharaj ने कहा कि भावनाओं में बहकर या मीठी बातों में आकर भागकर शादी करने से जीवन कठिनाइयों से भर सकता है. विवाह जैसे बड़े निर्णय में माता-पिता का आशीर्वाद और मार्गदर्शन जरूरी है.