इस बार का चुनाव वास्तव में बहुत दिलचस्प और उलझन भरा है. अभी नॉमिनेशन प्रक्रिया चल रही है और उम्मीदवारों के चयन को लेकर लोग आश्वस्त नहीं हैं. खासकर पटना में पार्टी कार्यालय के बाहर धरना जारी है, जिससे स्थानीय लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर कब और कौन- सा उम्मीदवार पक्का होगा. स्थानीय राजनीति में कैंडिडचरों की स्थिति अभी फिक्स नहीं हुई है और कई बार यह पता चलता है कि किसी उम्मीदवार के पीछे किसका समर्थन या संपर्क है.