एक्सपर्ट्स का कहना है कि हवा में मौजूद ये सूक्ष्म कण फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं और ब्लड स्ट्रीम में भी प्रवेश कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा जोखिम हो सकता है.