देश के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. वे एक महीने पहले ही भारत के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे. पिछले कुछ महीनों से वे बीमार थे और रायपुर एम्स में उनका इलाज चल रहा था. विनोद शुक्ल की कई कविताएं और उपन्यास जैसे दीवार में खिड़की रहती थी, नौकर की कमीज, लगभग जयचंद जय हिंद और सब कुछ होना बचा रहेगा बहुत लोकप्रिय रहे. पीएम मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है.