बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण बयान दिए हैं. उन्होंने कहा कि उस्मान हादी की हत्या और उसके बाद हुई अराजकता ने उनकी सरकार को गिरा दिया था. युनूस के दौर में हिंसा बढ़ी और अंतरिम सरकार इसे रोकने में असमर्थ रही. उन्होंने कहा कि कोई भी समझदार नेता पड़ोसी देशों को धमकी नहीं देगा, खासकर जब बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा उनके ऊपर निर्भर हो. पाकिस्तान के प्रोत्साहन में भारत के साथ दुश्मनी बढ़ाना खतरनाक और गैर जिम्मेदाराना है. इसके अलावा, कट्टर इस्लामिक आतंकवाद बढ़ रहा है और भारत-बांग्लादेश के संबंध अंतरिम सरकार के बाद भी बने रहेंगे. भारत सरकार भी बांग्लादेश की स्थिति पर नजर रखे हुए है और हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की बात हो रही है. शेख हसीना ने कट्टरपंथी ताकतों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई है, जो पाकिस्तान और अन्य समूहों से समर्थन प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने इस बात का डर व्यक्त किया कि बांग्लादेश फिर से पाकिस्तान की राह पर जा सकता है. इसके साथ ही भारत में ममता बनर्जी जैसे लोग बंगाल को बांग्लादेश बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिस पर विपक्षी दल भी चुप हैं. यह सभी बयान बांग्लादेश की वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर रोशनी डालते हैं.