कोई नाराज नहीं है उनतीस सीटों को लेकर। हमारे पास कई विकल्प मौजूद हैं। यदि किसी की विधानसभा सीटें कम हुईं तो वे विधान परिषद या राज्यसभा में एडजस्ट हो सकते हैं। उपेंद्र कुशवाहा की डील के बारे में भी स्पष्ट कहा गया कि यह कोई डील नहीं है। अगर किसी में नेतृत्व क्षमता है तो उसके नेतृत्व में चुनाव लड़ना ठीक है, चाहे लोकसभा हो या विधानसभा। हार-जीत सामान्य है।