शेख हसीना की सरकार के पतन के एक साल पूरे हो गए. यह समय न सिर्फ बांग्लादेश के लिए निराशा भरे रहे बल्कि यहां की आजाद हवा और सेकुलर ताने बाने में कट्टरवाद का असर बढ़ा है