संसद में कम दिनों तक सत्र बुलाए जाने और बिल पास होने की प्रक्रिया पर राजनीतिक विश्लेषक आशुतोष ने सरकार पर सवाल उठाए. उन्होनें कहा कि बिल पास करने की गति इतनी तेज है कि 35% बिल एक घंटे के अंदर पास हो जाते हैं. इस वजह से बिलों पर उचित चर्चा नहीं हो पाती, जो लोकतंत्र के लिए चिंताजनक है.'