इस बहस में आशुतोष ने कहा कि 'प्रधानमंत्री को 2014 में जब वह बने थे तब अंग्रेजी भाषा को तत्काल प्रभाव से बंद कर देना चाहिए था. अंग्रेजी भाषा हमारे दिमाग में विदेशी मानसिकता घुसाने का माध्यम बनी हुई है. इस पर सुधांशु ने जवाब दिया कि महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, श्री अरविंदो और स्वामी विवेकानंद जैसे भारत के महान नेता अंग्रेजी में लिखते थे.