भारत में गहन पुनः निरीक्षण का इतिहास 1952 में शुरू हुआ था. सबसे पहला गहन पुनः निरीक्षण उस समय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के तहत हुआ. इसके बाद 1957, 1961, और 1965 में भी गहन पुनः निरीक्षण किया गया, जिनमें लाल बहादुर शास्त्री भी प्रधानमंत्री थे. 1983 और 1984 में यह प्रक्रिया इंदिरा गांधी के समय हुई.