महाराष्ट्र में शिंदे और फडणवीस गुटों के बीच सहमति बन चुकी है जिसके बाद बीजेपी और शिवसेना मिलकर निकाय चुनाव लड़ेंगे। दोनों दलों ने फैसला किया है कि वे एक दूसरे के नेताओं को कभी नहीं तोड़ेंगे। इसका मतलब यह है कि बीजेपी का कोई नेता शिंदे गुट में नहीं जाएगा और शिंदे गुट का कोई नेता बीजेपी में नहीं आएगा।