आज की तारीख में भी और पहले भी भारत के कई बच्चे अपने माता-पिता और परिवार को खतरे में डालकर दूसरे देशों में गए हैं ताकि देश सुरक्षित रह सके. उन्होंने वहाँ जाकर नमाज़ पढ़ी, खादिम की सेवा की, रोजे रखे क्योंकि उन्हें देश की चिंता है. ये लोग जाति या धर्म के खिलाफ नहीं हैं बल्कि देशभक्ति से ओतप्रोत हैं.